टेलीविजन अभिनेत्री शाइनी दोशी जिन्हें ‘पांड्या स्टोर’ और ‘सरस्वतीचंद्र’ में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है ने हाल ही में अपने पिता के साथ रिश्ते के बारे में बात की है। शाइनी दोशी सिद्धार्थ कन्नन के साथ बातचीत में बताया कि कैसे 16 साल की उम्र में अहमदाबाद में देर रात प्रिंट शूट के कारण उनके पिता ने उन्हें ‘वेश्या’ कहकर अपमानित किया था।
मां ने किया शाइनी का सपोर्ट
शाइनी दोशी ने बताया कि उनकी मां ने हमेशा एक्ट्रेस बनने के उनके सपने का सपोर्ट किया, भले ही वह खुद डॉक्टर बनने का सपना देखती थीं। शाइनी के मुताबिक अपने करियर की शुरुआत में परिवार के बहुत से लोग एक्टिंग के पेशे को अपनाने के लिए उनका मजाक उड़ाते थे। हालांकि ‘सरस्वतीचंद्र’ के हिट होने के बाद ही यह बदल गया।
शाइनी दोशी ने बताया कि उनकी मां ने हमेशा एक्ट्रेस बनने के उनके सपने का सपोर्ट किया, भले ही वह खुद डॉक्टर बनने का सपना देखती थीं। शाइनी के मुताबिक अपने करियर की शुरुआत में परिवार के बहुत से लोग एक्टिंग के पेशे को अपनाने के लिए उनका मजाक उड़ाते थे। हालांकि ‘सरस्वतीचंद्र’ के हिट होने के बाद ही यह बदल गया।
पिता की भाषा थी खराब
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके पिता कभी उनके लिए खड़े हुए, तो शाइनी रो पड़ीं और बताया कि उनके पिता भी उन्हें ‘वेश्या’ कहते थे। शाइनी ने बताया ‘मेरी प्रिंट शूटिंग अहमदाबाद में काफी देर से चलती थी। कभी-कभी 2 या 3 बजे रात को पैक-अप होता था। मम्मा हर शूट में मेरे साथ होती थीं, तब मैं सिर्फ 16 साल की थी। और जब हम घर आते थे, तो ऐसा नहीं था कि वो पूछते, ‘तुम ठीक हो? सेफ हो?’ वो खराब शब्द बोलते। जैसे, ‘रात के 3 बजे तक बेटी को ले जा रही हो? धंधा करवाने ले जा रही हो क्या?’ उनकी भाषा बहुत खराब थी।’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने अपने पिता को माफ कर दिया है, शाइनी ने कहा, ‘ये घाव गांठों की तरह हैं जिन्हें आप खोल नहीं सकते। मैंने अपने सबक सीख लिए हैं, लेकिन मुझे अभी भी एक पिता या पिता के समान व्यक्ति की कमी महसूस होती है जो मेरा साथ दे सके।’
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जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके पिता कभी उनके लिए खड़े हुए, तो शाइनी रो पड़ीं और बताया कि उनके पिता भी उन्हें ‘वेश्या’ कहते थे। शाइनी ने बताया ‘मेरी प्रिंट शूटिंग अहमदाबाद में काफी देर से चलती थी। कभी-कभी 2 या 3 बजे रात को पैक-अप होता था। मम्मा हर शूट में मेरे साथ होती थीं, तब मैं सिर्फ 16 साल की थी। और जब हम घर आते थे, तो ऐसा नहीं था कि वो पूछते, ‘तुम ठीक हो? सेफ हो?’ वो खराब शब्द बोलते। जैसे, ‘रात के 3 बजे तक बेटी को ले जा रही हो? धंधा करवाने ले जा रही हो क्या?’ उनकी भाषा बहुत खराब थी।’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने अपने पिता को माफ कर दिया है, शाइनी ने कहा, ‘ये घाव गांठों की तरह हैं जिन्हें आप खोल नहीं सकते। मैंने अपने सबक सीख लिए हैं, लेकिन मुझे अभी भी एक पिता या पिता के समान व्यक्ति की कमी महसूस होती है जो मेरा साथ दे सके।’
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संजय लीला भंसाले के साथ किया काम
शाइनी ने एक मॉडल के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने संजय लीला भंसाली की ‘सरस्वतीचंद्र’ में वरुण कपूर के साथ कुसुम देसाई व्यास की भूमिका निभाते हुए अभिनय की शुरुआत की। उन्होंने ‘सरोजिनी- एक नई पहल’, ‘बहू हमारी रजनी कांत’, ‘जमाई राजा’ और ‘लाल इश्क’ सहित कई सीरियल में अभिनय किया। हाल ही में ‘पांड्या स्टोर’ में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उनकी तारीफ हुई।