America की सड़कों पर गुस्साए हजारों लोग, 50 राज्यों में बवाल, ट्रंप छोड़ देंगे राष्ट्रपति पद?

डोनाल्ड ट्रंप को इन दिनों अमेरिका में अपने नागरिकों का कड़ा विरोध झेलना पड़ रहा है। हजारों की संख्या में अमेरिकी नागरिकों ने 5 अप्रैल को अलग अलग शहरों में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ रैलियां निकाली। बताया जा रहा है कि इन रैलियों का मकसद टैरिफ, कर्मचारियों छंटनी, अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और मानवाधिकार समेत कई मुद्दों पर अपना विरोध जताने का है। ये प्रदर्शनकारी ट्रंप के कई कार्यकारी आदेशों के खिलाफ भी सड़कों पर उतरे हैं। ट्रंप की नीतियों में सरकारी कर्मचारियों में कटौती से लेकर व्यापार शुल्क और नागरिक स्वतंत्रता के हालात को लेकर वाशिंगटन, फ्लोरिडा, न्यूयॉर्क, क्लोरोराडो और लांस एजेलिस सहित अन्य स्थानों पर रैली निकाली। ट्रंप प्रशासन के फैसलों के खिलाफ 150ल से ज्यादा संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन को हैंड्स ऑफ नाम दिया गया। हैंड्स ऑफ मतलब हमारे अधिकारों से दूर रहो। इस नारे का मकसद ये जताना है कि प्रदर्शनकारी नहीं चाहते हैं कि उनके अधिकारों पर किसी का भी नियंत्रण हो। रिपोर्ट के मुताबिक हैंड्स ऑफ आंदोलन के तहत पूरे देश के राज्यों में 1200 से ज्यादा विरोध प्रदर्शन देखा गया। प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि डोनाल्ड ट्रम्प और एलन मस्क ऐसे संसाधन ले रहे हैं जो उनके नहीं हैं, और वे दुनिया को उन्हें रोकने की चुनौती दे रहे हैं। इस आंदोलन के अंतर्गत आने वाले प्रमुख मुद्दों में शामिल हैं: सरकारी एजेंसियों की संख्या में कमी, स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रमों में कटौती और ट्रांसजेंडर अधिकारों पर प्रतिबंध। यह आंदोलन अप्रवासियों के साथ किए जाने वाले व्यवहार और सामूहिक निर्वासन का भी कड़ा विरोध करता है। वाशिंगटन डीसी के नेशनल मॉल से लेकर मैनहट्टन और बोस्टन कॉमन के दिल तक, प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को सरकारी एजेंसियों की कटौती, स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रमों में कटौती, अप्रवासियों के साथ व्यवहार और ट्रांसजेंडर अधिकारों पर प्रतिबंध सहित कई मुद्दों पर ट्रम्प और एलोन मस्क के कार्यों के प्रति अपना असंतोष व्यक्त किया। सिएटल में, प्रदर्शनकारियों ने संघीय कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और कमजोर समुदायों के लिए सुरक्षा को सीमित करने के प्रशासन के कदमों पर आक्रोश व्यक्त करते हुए “कुलीनतंत्र से लड़ो” जैसे वाक्यांशों के साथ बैनर पकड़े।

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